हादसे के बाद मेला प्रांगण में चल रही बाल रेल को बंद कर दिया
मुरार स्थित नदी पार टाल कटियाना गली में रहने वाला जसवंत अपने परिवार के साथ मेला घूमने पहुंचा। मेला घूमते-घूमते परिवार रेल प्रांगण में जाकर सुस्ताने लगा। वहां राज की मां पार्वती अपने छोटे बच्चे की दूध पिलाने लगी। तभी राज उम्र 5 साल 6 महीने दौड़ता हुआ पटरियों पर जा पहुंचा। तभी वहां बच्चों का मनोरंजन करा रही बाल रेल आ गई। चालक रामकुमार ने हार्न बजाया। तब तक बच्चा टे्रन की चपेट में आ गया था।
पिता ने दौड़कर मासूम को उठाया
चालक ने टे्रन को रोका, तभी पिता जसवंत भी दौड़ा। उसने वहां घायल अवस्था में रोते मासूम को उठाकर गले लगा। रेल प्रांगण में मौजूद स्टॉफ भी वहां गया। घटना के बाद ऐसा लगा कि बच्चे के हाथ-पैर कट गए हैं। रेल कर्मचारियों ने एम्बूलेंस को फोन किया। वहां से माता-पिता के साथ बच्चे को अस्पताल पहुंचाया गया।
पहला हादसा
मेला में बाल रेल तत्कालीन रेल मंत्री माधवराव सिंधिया के समय से चल रही है। तब से यह पहला बड़ा हादसा कि किसी बालक को बड़ी चोट लगी। हालांकि पिछले साल एक बच्चा टे्रन पर लटकने की कोशिश कर रहा था। तभी गिर कर चोटिल हो गया था।
बंद कर दी रेल
रेल प्रबंधन ने हादसे के बाद मेला प्रांगण में चल रही बाल रेल को बंद कर दिया। वहां पहुंचे लोगों को वापस लौटाया गया। रेल मंडल के अफसरों के आदेश के बाद फिर शुरू की जाएगी।
पिता ने दौड़कर मासूम को उठाया
चालक ने टे्रन को रोका, तभी पिता जसवंत भी दौड़ा। उसने वहां घायल अवस्था में रोते मासूम को उठाकर गले लगा। रेल प्रांगण में मौजूद स्टॉफ भी वहां गया। घटना के बाद ऐसा लगा कि बच्चे के हाथ-पैर कट गए हैं। रेल कर्मचारियों ने एम्बूलेंस को फोन किया। वहां से माता-पिता के साथ बच्चे को अस्पताल पहुंचाया गया।
पहला हादसा
मेला में बाल रेल तत्कालीन रेल मंत्री माधवराव सिंधिया के समय से चल रही है। तब से यह पहला बड़ा हादसा कि किसी बालक को बड़ी चोट लगी। हालांकि पिछले साल एक बच्चा टे्रन पर लटकने की कोशिश कर रहा था। तभी गिर कर चोटिल हो गया था।
बंद कर दी रेल
रेल प्रबंधन ने हादसे के बाद मेला प्रांगण में चल रही बाल रेल को बंद कर दिया। वहां पहुंचे लोगों को वापस लौटाया गया। रेल मंडल के अफसरों के आदेश के बाद फिर शुरू की जाएगी।
हादसे के बाद मेला प्रांगण में चल रही बाल रेल को बंद कर दिया
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