ट्रेन ड्राइवरों की गलती को अब समय रहते पकड़ लिया जाएगा। इससे रेल हादसों की आशंका कम होगी। पहले चरण में आरडीएसओ की टीम ने ट्रेन प्रोटेक्शन वार्निग सिस्टम को हरी झंडी दी है। शनिवार को नई दिल्ली से आगरा के बीच आधा दर्जन ट्रेनों में सिस्टम का ट्रायल किया था। ट्रेनों को करीब 130 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चलाया गया। 1नई दिल्ली-आगरा रूट पर 160 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रेनों का संचालन हो सकता है। ट्रेनों की रफ्तार बढ़ने से रेल हादसों से बचने के लिए रेलवे ने 35 ट्रेनों के इंजनों में ट्रेन प्रोटेक्शन वार्निग सिस्टम (टीपीडब्ल्यूएस) लगाया था। रेल सिगनल से ठीक पहले ट्रेन में ऑटोमेटिक ब्रेक लग जाते हैं। इससे ड्राइवर रेड सिगनल को क्रॉस नहीं कर सकता। शनिवार को नई दिल्ली से आगरा के बीच करीब आधा दर्जन ट्रेनों में टीपीडब्ल्यूएस का ट्रायल किया। रिसर्च डेवलपमेंट एंड स्टैंडर्ड ऑर्गनाइजेशन (आरडीएसओ) की टीम ने ट्रेनों की रफ्तार के डाटा की जांच की, जिसमें सिस्टम सही तरीके से काम करता हुआ मिला। रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि पूर्व में भी ट्रेन प्रोटेक्शन वार्निग सिस्टम के ट्रायल हो चुके हैं।
Original Post(Read Complete News): http://epaper.jagran.com/ePaperArticle/17-nov-2014-edition-Agra-page_5-6949-4061-193.html
Original Post(Read Complete News): http://epaper.jagran.com/ePaperArticle/17-nov-2014-edition-Agra-page_5-6949-4061-193.html
No comments:
Post a Comment
For Get Immediate Reply Post Comment on www.irctcnews.in